आज मैं अपना ब्लॉग चालू कर रहा हूं।कहते है कुछ अच्छा काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी का आशीर्वाद होना चाहिए और उन्हीं की कृपा दृष्टि से आज से ये चालू कर रहा हूं।कल बाप्पा का आगमन है। गणपती बाप्पा मोरया।
दोस्तो बहुत दिनों से आपके बिचमे आने की सोच रहा था।पर समय निकाल नहीं पा रहा था।काम घर परिवार इनमें ही बिजी रहना पड़ता है।आज आज करके समय निकलता ही है।जो कभी किसी के लिए ठहरता नहीं है।
और हम अपने काम में इतने व्यस्त होते है कि हमें पता ही नहीं चलता हमें रुकना कब है।जाना कहा है।बस कर्म करते ही जाते है।
इस बीच डिप्रेशन सिर उठा था है। नैराश्य आता है।
ये हम सब को हर घड़ी झेलना ही पड़ता है।कोई ये नहीं कह सकता कि मै हर रोज आनंद से जी रहा हूं।
क्यूंकि रेल जैसे एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन चलती रुकती चलती रुकती है वैसे कुछ अपने जीवन में भी अपने साथ होता है।ठहराना चलना फिर ठहराना चलना इस में हम अपने आपको उलझाते रहते है।
लेकिन अपने आपको भी समय देना ये काम हमें करना चाहिए ये भूल जाते है।
पैर कमाओ और कमाओ पर हमें अपने आपको अपने परिवार को मित्रो को समय देना अपने अपने अच्छी अनुभूति लती है।इस पर मेरा ये मंथन ब्लॉग है।
आज मै इतना ही कहता हू।मंथन में मै जीवन की अनुभूति नैराश्य से मुक्ति पोजिटिव सोच।नकारात्मक विचारों से आज़ादी के बारे में कुछ चीजें जरूर लना चाहता हूं जो आगे लाऊंगा।
आप अपने सुझाव विचार जरूर दीजियेगा।
क्यूंकि संवाद ऐसी शक्ति है जो हमें अपने मन की बाते बाहर लाकर मनको विचलित होने से बाहर लाते है।लेकिन शर्त ये है कि संवाद उर्जात्मक हो।
जय हिन्द
Wednesday, 12 September 2018
श्री गणेश
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